Library Construction
हमारे ऋषियों मुनियों द्वारा अनेकों शास्त्र रचे गए हैं जो कि धीरे धीरे लुप्त होते जा रहे हैं। इन समस्त शास्त्रों में इस ब्रह्मांड एवं मानव जीवन से जुड़े अनेक रहस्यमयी ज्ञान विज्ञान के विषय हैं जो अध्ययन अध्यापन की परंपरा न होने के कारण धीरे धीरे लुप्त होने के कगार पर हैं। आज यदि इन्हें नहीं बचाया गया तो जो भी शास्त्र हैं वो सब नष्ट हो जायेंगे।
हमारा मानना है कि इन सभी शास्त्रों की पठन पाठन की परंपरा पुनः प्रचलन में लानी होगी। अतः अभी संस्था की पहली आवश्यकता है एक विशाल पुस्तकालय का निर्माण करवाना जिसमें संस्कृत वांग्मय के समस्त ग्रंथ उपलब्ध हो जाए। इसके लिए हमें समस्त शास्त्रों को एक जगह एकत्रित करना होगा। यदि हम सभी पुस्तकों को एकत्रित करें तो लाखों पुस्तके हो जाएंगी अतः ऐसा करने के लिए आपसब का सहयोग चाहिए।
पुस्तकालय निर्माण होने पर निरंतर सभी शास्त्रों का अध्ययन अध्यापन, शोध एवं अनुसंधान का कार्य चलता रहेगा। आम सनातनी हिंदू प्रजा को भी उनके जीवन के लिए आवश्यक समस्त कृत्यों के लिए शास्त्र का मार्गदर्शन मिल सकेगा।
जिस समाज के लोग उसके शास्त्रों का संरक्षण करते है। निरंतर उसका अध्ययन करते हैं इस समाज की संस्कृति परंपराएं कभी नष्ट नहीं होती। उस समाज के लोग कभी किसी के गुलाम नहीं होते वो समाज सदा ही स्वाभिमान से जीता है अतः राष्ट्र हित के लिए हम हिंदुओं के स्वाभिमान के लिए भी धर्मग्रंथों का संरक्षण करना आवश्यक है।
वर्तमान में हमारे पास पुस्तकालय निर्माण करने का एक स्थान हैं जहां निर्माण का कुल खर्च 80 लाख रुपए है अतः आपसब से निवेदन हैं कि मानवता को रक्षा के लिए धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे ऋषियों द्वारा दिए ज्ञान विज्ञान के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक विशाल पुस्तकालय निर्माण करने में हमारा सहयोग करें। ध्यान रहे यदि हमारे शास्त्र नष्ट हो गए तो लाखों वर्षों का हमारे पूर्वजों का श्रम व्यर्थ हो जायेगा अतः इसे बचाने के लिए आप सब आगे आएं।
वृंदावन में वैदिक पुस्तकालय निर्माण का कार्य इस वर्ष तक पूर्ण करना है अतः आप में जो लोग भी सक्षम हैं वो सहयोग अवश्य करें। कृपया तटस्थ न रहे आगे आकर पर्याप्त सहयोग करें यदि आप चाहें तो वृंदावन में आकर भी गुरुकुल को देखकर ईट, सीमेंट, सरिया आदि सामग्री से भी सहयोग कर सकते हैं।
धन्यवाद