Vaidic Hostel Development
वृंदावन में हमारे गुरुकुल में प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चें वैदिक शास्त्रों का अध्ययन करने के लिए आते हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र गरीब परिवारों से आते हैं। हमारे पास छात्रावास न होने के कारण हम इन्हें रख नहीं पाते जिसके कारण इन्हें आश्रमों में अथवा किराए पर रहना पड़ता है। ज्यादातर बच्चों को धन की कमी होने के कारण वापस घर लौट जाना पड़ता है अथवा पढ़ाई में अत्यंत कठिनाई होती है।
आश्रमों में जहां ये रहते हैं वहां इन्हे आश्रमों का काम करना पड़ता है जिससे ये पढ़ नहीं पाते।
छात्रावास न होने के कारण छोटे बच्चों को भी हमलोग नहीं पढ़ा पाते क्योंकि उनका देखभाल करना पड़ेगा। छोटे बच्चों का बाहर रहना संभव नहीं है। हमारे पास अभी केवल निशुल्क पढ़ाने की व्यवस्था है सैकड़ों छात्रों को रखने के लिए छात्रावास की व्यवस्था नहीं है।
अभी हमारे पास 40 छात्र हैं जो वैदिक शास्त्रों का अध्ययन करते हैं। ये सभी छात्र दूर दूर से नित्य हमारे पास पढ़ने आया करते हैं यदि हमारे पास छात्रावास हो जाए तो सैकड़ों छात्र एक साथ रहकर शास्त्रों का अध्ययन कर सकेंगे।
आज भारत की संस्कृति परंपरा, सनातनधर्म की रक्षा के लिए, मानवता की रक्षा के लिए वैदिक शास्त्रों का पठन पाठन अधिक से अधिक होना चाहिए। हमारे बच्चों को हम यदि अपने ऋषियों मुनियों द्वारा रचित धर्म शास्त्रों का अध्ययन नहीं कराते तो धीरे धीरे समाज से नैतिक मूल्य समाप्त हो जायेंगे और समाज नष्ट हो जायेगा।
यदि आप चाहते हैं कि अधिक से अधिक छात्र गुरुकुल में पढ़ें तो कृपया हमारा सहयोग करें एवं 200 छात्रों के रहने, खाने के लिए छात्रावास निर्माण करने में हमारा आर्थिक सहयोग करें।
हम आपके आभारी रहेंगे।
वृंदावन में छात्रवास निर्माण करने के लिए संस्थान को भूमि क्रय करना होगा इसलिए भूमि और छात्रवास निर्माण का कुल खर्च मिलाकर 200,00,000 रुपए हो जायेगा। हम आपसब से सहयोग के लिए निवेदन करते हैं। आइए मिलकर इस देश में वैदिक शिक्षा व्यवस्था को पुनः स्थापित करें।
धन्यवाद
सचिव
जगद्गुरु शंकराचार्य सनातनधर्म संरक्षण न्यास
वृंदावन मथुरा